...

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खामोशी
#WritcoPoemChallange
#CoronaVirus

इतनी खामोशी क्या पहले देखी है कभी?
देखते भी कैसे, शोर ही बहुत था।

शोर था उन सभी गाड़ियों के हॉर्न का,
जिन्होंने रिक्शे से टकराकर साथ बहती हवा को बदल दिया।

शोर था उन सभी स्पीकर्स का,
जिन्होंने खुशी की परिभाषा को ही बदल दिया।

शोर था उन सभी पार्टियों का,
जिन्होंने घरों में गूंजती खिलखिलाहट को मिटा दिया।

और शोर था उन सभी दिखावो का,
जिन्होंने सादगी को झकझोर दिया था।

इतनी खामोशी क्या पहले देखी है कभी?
देखते भी कैसे, शोर ही बहुत था।


बस अब दुआ है कि जल्द ही सब ठीक हो जाए, वो खुदा अब थोड़ी महरम बरत जाए।

क्योंकि कीमत जान चुके हैं जिंदगी की अब हम,
और शायद समझ चुके हैं खुद को भी।

होगा जल्द ही अब एक नया सवेरा,
नीले आसमां के नीचे चैन का बसेरा।

लेकिन फिर खुशियों में अपनी तुम इतने ना गुम होना,
ये नीला आसमां दिखना भी जरूरी है इससे भी रूबरू रहना.......
ये नीला आसमां दिखना भी जरूरी है इससे भी रूबरू रहना.......😊