उलझनों की भीड़
उलझनों की भीड़ में,
लापता है जिंदगी,
हर मोड़ पर बिखरी,
कोई राह नहीं मिलती।
सपनों की तितलियाँ उड़ जाती हैं हवा में,
सवालों की परछाइयाँ,
हर कदम पर खड़ी मिलती।
धड़कनें भी अब धीमी सी होती हैं,
कुछ...
लापता है जिंदगी,
हर मोड़ पर बिखरी,
कोई राह नहीं मिलती।
सपनों की तितलियाँ उड़ जाती हैं हवा में,
सवालों की परछाइयाँ,
हर कदम पर खड़ी मिलती।
धड़कनें भी अब धीमी सी होती हैं,
कुछ...