मुझ में तुम
शब की खामोशी में तुम,
सहर की सरगोशी में तुम।
ख्वाबो और ख्वाइशो में तुम,
हकीकत और हसरतो में तुम।
पुराने गीतो का अर्थ भी तुम,
नई शायरी की शिद्दत भी तुम।
भुली-बिसरी यादों में तुम, ...
सहर की सरगोशी में तुम।
ख्वाबो और ख्वाइशो में तुम,
हकीकत और हसरतो में तुम।
पुराने गीतो का अर्थ भी तुम,
नई शायरी की शिद्दत भी तुम।
भुली-बिसरी यादों में तुम, ...