...

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तुमने नज़रों से ये क्या पिलाया हमें
तुमने नज़रों से ये क्या पिलाया हमें
क्यों हमारे कदम लड़खड़ाने लगे
तुम्ही दे दो सहारा, संभालो हमें
देखो हम होश अपने गंवाने लगे

मैकदे का कभी हमने रुख ना किया
बेखुदी का कभी ना सहारा लिया
पर तुम्हारी निगाहों में है वो असर
बिन पिए हम तो खुद को भुलाने लगे

ये शरारत ये शोखी ये क़ातिल अदा
क्यों न हों इनपे चंदासितारे फिदा
हंस के देखा जो तुमने हमारी तरफ
हम बहारों के सपने सजाने लगे
©charudatta_kelkar
© ©charudatta_kelkar