एक दफ़ा
लिख तो लूँ तुझे याद कर
पर तू कभी पढ़े तो सही
रखूँ मैं ख़्वाहिश चाँद की
तू एक दफ़ा मिल तो सही
मंज़ूर है मेरे इस दिल को
तेरा...
पर तू कभी पढ़े तो सही
रखूँ मैं ख़्वाहिश चाँद की
तू एक दफ़ा मिल तो सही
मंज़ूर है मेरे इस दिल को
तेरा...