जीने का चाहअब भी बाकी है
कतरा कतरा ज़िंदगी
कुछ बिखरी सी हुई है
जीने की चाह अब
भी बाक़ी है
बिखरा हूँ टूटा नहीं
थमां हूँ , थका नहीं
चलने की चाह अब
भी बाक़ी है
ख़्वाब जो देखा है
अधूरा है , टूटा नहीं ,
साकार करना , अब
भी बाक़ी है
...
कुछ बिखरी सी हुई है
जीने की चाह अब
भी बाक़ी है
बिखरा हूँ टूटा नहीं
थमां हूँ , थका नहीं
चलने की चाह अब
भी बाक़ी है
ख़्वाब जो देखा है
अधूरा है , टूटा नहीं ,
साकार करना , अब
भी बाक़ी है
...