zikr
तुम्हारा नाम लिए बिना जमाने को तुम्हारे किस्से सुना दुगीं...
तुम्हे दिल से दफा कर तुम्हे भी मशहूर बना दुगीं।।
तुम्हे दिल से दफा कर तुम्हे भी मशहूर बना दुगीं।।