जिंदगी हम तेरे मज़दूर
मैं मजदूर हूँ साहब,
मुझे कमाना पड़ता है,
जिंदगी चलाने के खातिर
कभी मजबूरी से तो कभी जरूरतों के लिए कामों से हाथ मिलाना पड़ता है।
आए न बाधा अपनो पर
इस बात को याद रख कमाना पड़ता है
अपनो की जिमेदारियों का बोझा उठा कर
हर रोज पसीना बहाना पड़ता है।
किसीको महल बनाना तो किसीको चलाना पड़ता है।
मजदूरी का हाथ पकड़ रोज खुदको सुबह जल्दी उठाना पड़ता है।
भूख के डर से हाथ पैर...
मुझे कमाना पड़ता है,
जिंदगी चलाने के खातिर
कभी मजबूरी से तो कभी जरूरतों के लिए कामों से हाथ मिलाना पड़ता है।
आए न बाधा अपनो पर
इस बात को याद रख कमाना पड़ता है
अपनो की जिमेदारियों का बोझा उठा कर
हर रोज पसीना बहाना पड़ता है।
किसीको महल बनाना तो किसीको चलाना पड़ता है।
मजदूरी का हाथ पकड़ रोज खुदको सुबह जल्दी उठाना पड़ता है।
भूख के डर से हाथ पैर...