चलते चलते
दिल की बात कह दूंगा तेरे साथ चलते चलते
अगर संघ चले तो पकड़ लूंगा हाथ चलते चलते
यूं तो जावने भर की नज़र रहेगी तुझ पर
मगर छुपा लूंगा तुझे मैं बाहों में चलते चलते
रफ्ता रफ्ता डगर ढलती गई जिंदगी की
मैं राह जिंदगी की बदल दूंगा साथ चलते चलते
© Ankaj Rajbhar
अगर संघ चले तो पकड़ लूंगा हाथ चलते चलते
यूं तो जावने भर की नज़र रहेगी तुझ पर
मगर छुपा लूंगा तुझे मैं बाहों में चलते चलते
रफ्ता रफ्ता डगर ढलती गई जिंदगी की
मैं राह जिंदगी की बदल दूंगा साथ चलते चलते
© Ankaj Rajbhar