...

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मेरा सूरज
#shadow #shadowpoem

सामना है अब खुद से
नही रुकेंगे ये कदम अब मेरे
रास्ते है कई यहां
देखे है यहां कइयों के चेहरे

सोचना कर दिया बंद अब ये मेरा दौर है
आगे बड़ चला हूं अब मैं अब नही देखना कुछ और है
सफलता चाह मेरी, मंजिल मेरी हसरत है
कदम बड़ा चुका हूं अब न मुड़ना किसी ओर है


चाह मेरी मंजिल, मेरी राह आसान नहीं
पर इनसे मैं डर जाऊ, मैं इतना भी नादान नही
देख चुका कई मुस्किले कई देखना बाकी है
सफलता का सूरज मेरा ये, मेरी ही निशानी है

दौर अपना मुझे खुद को ही लाना है
आज हस्ते है जो लोग उन्हें कुछ करके दिखाना है
अपने साथ अपना भाग्य लेकर चल रहा हूं
अस्त हो रहा सूर्य जो उसे उठा कर चल रहा हूं
© shadow