...

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मैने खुद को लिखा है
तुम पढ़ते हो ...जिन शब्दों को
उन शब्दों में मैने खुद को लिखा है
कही लिखी मिलेगी तुम्हे उदासियां
कही चंद मुट्ठी में बंद खुशहालिया
कही लिखी हुई मिलेगी तुम्हे
गहराईया, तो कही मेरी बकबक
बातूनी शेतानिया , मैंने हर एक
भावनाओ को पिरोया है, अंधेरी
रातों में बैठ चांद की तरफ़ देख
बहुत रोया है , मेरे आंसू इन शब्दों
में सिमटे है जो मेरी डायरी के
पन्नो पर किसी बारिश की बूंद
से बरसे है , ❤️।

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