बेफ़िक्र औ बेख़ौफ़ जिया करो जानी
यह जो मख़्मली सी तिरी पैशानी है
उसपे छलक रही कोई परिशानी है
हो गर कोई बात आके मिलो मुझसे
दुनियां का छोड़ो दुनियां तो फानी है
बेफ़िक्र औ बेख़ौफ़ जिया करो जानी
ज़िंदगी मिली है ज़िन्दगी तो जानी है
एक बात है कहनी बिना फ़ख़्र के तुम्हे
तिरी ही नही दुनियां मिरी भी दिवानी है
लौट आओ तो वस्ल-ए-यार मयस्सर हो
वरना तो यह ज़ीस्त हिज्र में ही बितानी है
है बहोत किमती तोहफ़ा तुम्हारे लिए सुनो
मेरे नए इश्क़ की तुम्हे कहानी सुनानी है
'नीर' मै चाह कर भी बदल न सका मोहब्बत
मैंने झुठ कहा की उसे कोई कहानी सुनानी है
© Karma_Hi_Mokhsa
उसपे छलक रही कोई परिशानी है
हो गर कोई बात आके मिलो मुझसे
दुनियां का छोड़ो दुनियां तो फानी है
बेफ़िक्र औ बेख़ौफ़ जिया करो जानी
ज़िंदगी मिली है ज़िन्दगी तो जानी है
एक बात है कहनी बिना फ़ख़्र के तुम्हे
तिरी ही नही दुनियां मिरी भी दिवानी है
लौट आओ तो वस्ल-ए-यार मयस्सर हो
वरना तो यह ज़ीस्त हिज्र में ही बितानी है
है बहोत किमती तोहफ़ा तुम्हारे लिए सुनो
मेरे नए इश्क़ की तुम्हे कहानी सुनानी है
'नीर' मै चाह कर भी बदल न सका मोहब्बत
मैंने झुठ कहा की उसे कोई कहानी सुनानी है
© Karma_Hi_Mokhsa