...

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" बस दो कदम "
रुख़सत ना कर हमें,
तेरी जिंदगी से ये जालिम ।
बस मुस्करा ही तो दीए थे हम,
तेरी बेवफाई के बाद ।।
मोहब्बत थी हमे तुमसे,
बड़ी सिद्दत से वफ़ा हमने निभाई।
ख़ता तो बस इतनी थी की,
परछाई बना बैठे हम तुम्हे,
तेरी ख्वाहिश के बाद ।।
बेआबरू ना कर मेरी चाहत को,
बस दो कदम तो साथ चल ।
लाख तोहमत लगाए फिर चाहे ये दुनिया,
मेरी बर्बादी के बाद ।।
© Shivaji