लेखन🍂
न थामा किसी ने हाथ मेरा
लिया है मुंह मोड़ ऊपर से।
न रखा दिल हमारा उसने,
और दिया है तोड़ ऊपर से।
निकले आंसू याद जब आई,
रात होते ही आंख भर आई,
जब भी पिघला दर्द का पहाड़,
एक नदी पन्नो पे उतर आई।
© lekhan🌷
लिया है मुंह मोड़ ऊपर से।
न रखा दिल हमारा उसने,
और दिया है तोड़ ऊपर से।
निकले आंसू याद जब आई,
रात होते ही आंख भर आई,
जब भी पिघला दर्द का पहाड़,
एक नदी पन्नो पे उतर आई।
© lekhan🌷