गर्मी आई।।
गर्मी आई
गर्मी आई
रजाई और कंबल की
जरूरत नहीं है भाई
पंखा,कूलर के दिन
आ गए
मक्खी मच्छर के दिन
आए
रात में कानों में अपने...
गर्मी आई
रजाई और कंबल की
जरूरत नहीं है भाई
पंखा,कूलर के दिन
आ गए
मक्खी मच्छर के दिन
आए
रात में कानों में अपने...