"इस भीड़ में एक सिर्फ तुम्ही अपने लगते हो "
इस भीड़ में एक सिर्फ तुम्ही अपने लगते हो,
इस कड़ी धूप में ठंडी छांव से लगते हो,
मैं जानती हूं अकेले होकर भी मैं अकेली नहीं हूं,
इस अकेलेपन में तुम मुझे कुछ ख़ास ही लगते हो।
बहुत ही अंधेरी रातें देखी है इन आंखों ने ,
उन अंधेरों में तुम मुझे रोशनी से लगते हो,
मेरे जीवन का अंधेरा तुमने रोशनी बन के मिटा दिया,
अब इस जिंदगी का तुम एक सहारा लगते हो।
तुम हो जीने का कारण मेरे,
तुम मेरी आत्मा के परमात्मा से...
इस कड़ी धूप में ठंडी छांव से लगते हो,
मैं जानती हूं अकेले होकर भी मैं अकेली नहीं हूं,
इस अकेलेपन में तुम मुझे कुछ ख़ास ही लगते हो।
बहुत ही अंधेरी रातें देखी है इन आंखों ने ,
उन अंधेरों में तुम मुझे रोशनी से लगते हो,
मेरे जीवन का अंधेरा तुमने रोशनी बन के मिटा दिया,
अब इस जिंदगी का तुम एक सहारा लगते हो।
तुम हो जीने का कारण मेरे,
तुम मेरी आत्मा के परमात्मा से...