...

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कुछ यूँ ही
नये साल में अपने ख़्वाब की ताबीर लिखें
अपने प्यार की ऊँचाई की तहरीर लिखें
ना कभी ख़त्म हों ,दिन ना रात
हर पल जीवन की नई तदबीर लिखें
पहलू में हर पल बस देखूँ तुझे
तेरी आँखों में झांक कर अपना एहसास लिखें
ना झपकें पलकें ना तेरी ना मेरी
अनन्त समय तक तेरे मेरे चेहरे की
आ लकीर लिखें
ना हो सहर ,ना रात की हो चिंता
पलकों पर ठहरे आँसूओं की तस्वीर लिखें
ना दिन ढलने का ग़म हो
हर पल बस तेरा ही ज़िक्र हो
प्रेम का कोई आदि ना अंत
ये तो रहे अनन्त बस अनन्त ❤️
© गुलमोहर