"तेरे रंग में"
मैं भूल बैठा हूँ ख़ूबियाँ ख़ुद की,
ख़ामियाँ पे अपनों ने जब प्रकाश डाला..!
छोटे से कमरे में रह कर मैंने,
ख़्वाहिशों का पूरा आकाश सँभाला..!
तेरे रंग में रंगा...
ख़ामियाँ पे अपनों ने जब प्रकाश डाला..!
छोटे से कमरे में रह कर मैंने,
ख़्वाहिशों का पूरा आकाश सँभाला..!
तेरे रंग में रंगा...