...

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दुवाएं
मुसलसल जल रही हैं उम्र की शमां,
ज़िन्दगी मोम की तरह पिघल रही है!!

फ़ुज़ूल ना खर्च अपना कीमती वक़्त नादाँ,
ये वक्त की डोर अब...