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मिलन की घड़ी ❤
ये रात तू गवाह रहना
मुहब्बत मुकम्मल होने को है ,
इंतज़ार किया बेसब्री से जिसका
वो रात आज आने को है ,
मिलन की घड़ी आने को है पास
दिल में हो रही स्पंदन कैसी है ,
चाहत समाया था दिल में जो
तुझसे हर एक बात कहने को है ,
एक दूजे में खो जाए इस कदर
महबूब की महबूबा आज होने को है।।
मुहब्बत मुकम्मल होने को है ,
इंतज़ार किया बेसब्री से जिसका
वो रात आज आने को है ,
मिलन की घड़ी आने को है पास
दिल में हो रही स्पंदन कैसी है ,
चाहत समाया था दिल में जो
तुझसे हर एक बात कहने को है ,
एक दूजे में खो जाए इस कदर
महबूब की महबूबा आज होने को है।।
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