अपने तो अपने होते हैं लेकिन अपने कौन?????
अपने तो अपने होते हैं......
लेकिन अपना कौन????
क्या वो जो खून से जुड़े रिश्ते हैं?
या वो जो कठिन समय के फरिश्ते हैं?
दरसल गलती हम करते हैं....
जो मातापिता से जुड़े रिश्ते हैं अर्थात खून के उसे हम अपना कहते हैं,
और जो भगवान देते हैं उसे अंजान और सपना कहते हैं,
हम टुकड़े को अपना कहेंगे तो एक दिन वो छूटेगा,
गिरेगा बार बार तो अवश्य टूटेगा,
इसलिए दिल से अपनाओ की सारी धरती अपनी हैं,
फिर करोड़ साथ छोड़ भी दे तो पाँच तो जरूर तुम्हारा होगा,
और पंचतत्व में ही सब विलीन हैं,
फिर जो छुटा हैं वो भी एक दिन मिल जाएगा,
क्योंकि सारा जगत ही पाँच तत्व के अधीन हैं🌍 ❤🕉#संतोषी
लेकिन अपना कौन????
क्या वो जो खून से जुड़े रिश्ते हैं?
या वो जो कठिन समय के फरिश्ते हैं?
दरसल गलती हम करते हैं....
जो मातापिता से जुड़े रिश्ते हैं अर्थात खून के उसे हम अपना कहते हैं,
और जो भगवान देते हैं उसे अंजान और सपना कहते हैं,
हम टुकड़े को अपना कहेंगे तो एक दिन वो छूटेगा,
गिरेगा बार बार तो अवश्य टूटेगा,
इसलिए दिल से अपनाओ की सारी धरती अपनी हैं,
फिर करोड़ साथ छोड़ भी दे तो पाँच तो जरूर तुम्हारा होगा,
और पंचतत्व में ही सब विलीन हैं,
फिर जो छुटा हैं वो भी एक दिन मिल जाएगा,
क्योंकि सारा जगत ही पाँच तत्व के अधीन हैं🌍 ❤🕉#संतोषी