...

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सुनहरी दस्तक
सुकोमल हृदय, सदा नवल सी धूप हूं,
तो क्या हुआ थोड़ी ज्यादा बेवकूफ़ हूं,
प्यार अब भी उतना ही दिल से करती हूं,
बस नयनों की जगह वाणी के तीर चलाती हूं!

हां,थोड़ी अल्हड़ हूं,पर प्यार में तेरे...