बिना मोहब्बत के
जबरदस्ती से कोई भी ज़िंदगी में शामिल नहीं होता
बिना मोहब्बत के दिल में कोई दाख़िल नहीं होता
मन में मिलन की आस और प्यास होनी चाहिए
वरना ज़िंदगी से निकल जाना मुश्किल नहीं होता
साथ मिले ना...
बिना मोहब्बत के दिल में कोई दाख़िल नहीं होता
मन में मिलन की आस और प्यास होनी चाहिए
वरना ज़िंदगी से निकल जाना मुश्किल नहीं होता
साथ मिले ना...