मैं और तुम......
मैं खुद को कहूं मिट्टी अगर
तो तुम उसमें बनी तस्वीर कोई
मैं नि:शब्द सी लकीरों जैसी
और तुम उनमें छुपी तकदीर कोई
मैं टिमटिमाता एक तारा अगर
तो तुम...
तो तुम उसमें बनी तस्वीर कोई
मैं नि:शब्द सी लकीरों जैसी
और तुम उनमें छुपी तकदीर कोई
मैं टिमटिमाता एक तारा अगर
तो तुम...