...

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"निष्ठुर प्रेम "
मैं पाषाण निष्ठुर,
हृदय मेरा सिल समान।
अंकुरित ना हो पायेगा
प्रेम बीज,
ना करो तुम प्रयास।

मैं निर्मोही उग्र मिजाज,
तुम कोमल शांत स्वभाव।
निर्वाह न कर...