मेरा सफर
उम्र 18 थी, दोस्त ही दुनियां लगते थे
उम्र 18 थी, दुनियां को बदलने कोशिश करते थे
उम्र 18 थी, पढ़ने में मन नहीं लगता था
उम्र 18 थी, सब पर भरोसा कर लिया करते थे
उम्र 18 थी, सिर्फ खुद से मोहब्बत थी
उम्र 18 थी, सही या गलत खुद फैसले करने थे
उम्र 18 थी, खुद को बुरी आदतों से बचाया था।
© SHezo_Writes
उम्र 18 थी, दुनियां को बदलने कोशिश करते थे
उम्र 18 थी, पढ़ने में मन नहीं लगता था
उम्र 18 थी, सब पर भरोसा कर लिया करते थे
उम्र 18 थी, सिर्फ खुद से मोहब्बत थी
उम्र 18 थी, सही या गलत खुद फैसले करने थे
उम्र 18 थी, खुद को बुरी आदतों से बचाया था।
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