...

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ताउम्र सिर्फ तुम्हारी ही बनकर रहना चाहूंगी ♥️
ना शेर ना शायरी
ना कोई ग़ज़ल बनके रहना चाहूंगी
मैं सिर्फ तुम्हारी थी और ताउम्र सिर्फ तुम्हारी ही
बनकर रहना चाहूंगी...♥️


जो लिपट जाए तुम्हारी रूह को
ऐसा हया का आंचल
बनकर रहना चाहूंगी...♥️

ना सुबह ना शाम
ना रात बनकर रहना चाहूंगी
मैं तो तुम्हारी पहली मुलाकात को
आखिरी मुलाकात जैसे
बनकर रहना चाहूंगी...♥️

जिसकी हर सांस
मुझसे जुड़ी हो
ऐसी रांझा की हीर
बनकर रहना चाहूंगी..♥️

मैं सिर्फ तुम्हारी थी और
ताउम्र सिर्फ ही
तुम्हारी बनकर रहना चाहूंगी..♥️
@prashu92

© pra❤️kriti