मुझसे मिलने आ जाना
जब साँझ की चुप्पी घिरे,
और पत्तों पर ओस ठहरे,
मन के सूने आंगन में,
तेरी यादें चुपचाप बिखरे।
तब मुझसे मिलने आ जाना।
जब हवा सुगंधित गीत सुनाए,
और चाँदनी सपनों को लहराए,
धड़कनों के राग में छुपकर,...
और पत्तों पर ओस ठहरे,
मन के सूने आंगन में,
तेरी यादें चुपचाप बिखरे।
तब मुझसे मिलने आ जाना।
जब हवा सुगंधित गीत सुनाए,
और चाँदनी सपनों को लहराए,
धड़कनों के राग में छुपकर,...