ग़ज़ल...
सारे जहाँ में, एक तुम ही अपनी लगती हो
मेरे ख्वाबों की रानी, मेरी सजनी लगती हो
भेजा हो उस ख़ुदा ने, फकत तुम्हें मेरे लिए
सिर्फ तुम्हीं हो, जो मेरे लिए बनी लगती...
मेरे ख्वाबों की रानी, मेरी सजनी लगती हो
भेजा हो उस ख़ुदा ने, फकत तुम्हें मेरे लिए
सिर्फ तुम्हीं हो, जो मेरे लिए बनी लगती...