...

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प्रियतमा
जब चांद को
शब्दों की लज्जत पहना देते होंगे
खिड़की से रिसने वाली बारिश
को घर में जगह देते होंगे
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भीग जाते होंगे उनके संगेमरमर के गाल
उसके बालों को छू कर ... जुमखें
प्रेम के गीत गाते होंगे,
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किसी नसीब वालें को मिलेगा
उनके अधरों का स्वाद
चाय के कप से जिसके नसीब मेल खाते होंगे,
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दुनिया मसान बन जाती
जो इंद्रधनुष सी लग रही है
वो उनके हल्के नीले आंखों के रंग
जाने कविताओं में कैसे उतर आते होंगे
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ख़ून की जगह फूलों का अर्क
किसी चोट पर कुरेदती होंगी जब
फुलों के निशान बन जाते होंगे,
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तुम प्रेयसी.... प्रियतमा ... तुम रति
तुम्हारे देह की गंध में डूबकर
मोगरे तो शर्म से मर जाते होंगे,
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शरमाते होंगे तुम्हें हंसता देखकर
ये फूल तुमसे जब टकराते होंगे
संभव है.... संभव है!!
देवताएं तुम्हारी हथेली में अपना घर बनाते होगे

© Mishty_miss_tea