...

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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त में है।।
वे वेश्याएं होती तो नियमित रूप से अखबार नहीं मांगती!
वेशया या संदिग्ध भी कहां थी,
जब किसी ने उन्हें धंधा करते हुए देखा नहीं देखा।।
सुना तो यह भी गया था कि वे दोनों बहनें थीं,
एक लंबी उम्र पार करने के बाद भी अनब्याही थी ।।
और पुरुष से घृणा करती थी,
लेकिन इस दुनिया में,
अब वे सिर्फ दो औरतें थीं,
अकेली थी -जवान थी,
विडंबना है,
अकेली औरत जवान औरत के बारे में,
कुछ भी कहने से इस सामाज का मुह,
स्वाद से भर जाता है !

वे गांव बदर होकर कहा गाई,
कोई नहीं जानता ...
तय है वे जहां से आई होगीं
वहां से उनके सारे निशान मिटाए जा चुके होंगे,

यहां वे अपनी पहचान ढूंढने आई होंगी,
और हमने उन्हें वेशया कह दिया !

गांव बदर होने के बाद वे वेश्याएं कहा गाई होगी,
वे फिर किस दिशा में कौन से नगर को जाएगी।।

और कहा बसेगीं,

और जहां क्या निश्चित है कि -
उन्हें वेश्याएं न कहां जाए?

#एक_असभंव_प्रेम_गाथा_अनन्त_एकवैशया_और_अन्य_की।।