किताब के अंतर्मन के भाव
#अनपढ़पन्ने
एक वक्त था जब मुझसे तुम्हारी गहरी दोस्ती हुआ करती थी
मेरे पन्नों के पलट कर ही तुम्हारे दिन की शुरूआत हुआ करती थी
मेरे शब्दों में खोई खोई तुम्हारी शाम हुआ करती थी
मेरे कहनी के...
एक वक्त था जब मुझसे तुम्हारी गहरी दोस्ती हुआ करती थी
मेरे पन्नों के पलट कर ही तुम्हारे दिन की शुरूआत हुआ करती थी
मेरे शब्दों में खोई खोई तुम्हारी शाम हुआ करती थी
मेरे कहनी के...