...

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बरस जाओ हे मेघ।
जमीन जल चुकी है,

आसमान बाकी है,

सुखे कुएँ हमारे,

अभी इम्तिहान बाकी है,

वक्त पर बरस जाओ हे मेघ,

किसी का घर गिरवी है,

तो किसी का लगान बाकी है।
© गरूड़