हैं तन्हा हम
हैं तन्हा हम, कोई तो आवाज़ दे दे
हैं टूटे पंख, कोई तो परवाज़ दे दे
कोई तो कर दे शिफा हम को ए दोस्त,
हैं गमगीं दिल, कोई तो इलाज दे दे
हमारे दिल की बातें दिल में चुप हैं
लफ्ज़ बेचैन हैं, कोई तो अल्फाज़ दे दे
ना जाने कब से बांधे बैठे हैं सामान हम
सफर लंबा है, कोई तो आगाज़ दे दे
हैं लाखों राज़, और अदना सा दिल है
हमारी बात सुने, कोई तो हमराज़ दे दे
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