रात नहीं होती...
आँखे बरसती हैं उनकी याद में, वो कहते हैं बरसात नहीं होतीं
बिस्तर पर करवटें बदलते हैं हम, जाने क्यु सकूँ की रात नहीं होती
आते तो हैं वो रोज़ मेरे ख़्वाबों-ख़्यालों में मुझसे रूबरू होने
लेकिन उनसे मुद्दतों तलक, रूबरू कोई मुलाकात नहीं होती
जब होते हैं हम एक अर्से बाद मुखातिब उनसे,... मेरे जानिब...
बिस्तर पर करवटें बदलते हैं हम, जाने क्यु सकूँ की रात नहीं होती
आते तो हैं वो रोज़ मेरे ख़्वाबों-ख़्यालों में मुझसे रूबरू होने
लेकिन उनसे मुद्दतों तलक, रूबरू कोई मुलाकात नहीं होती
जब होते हैं हम एक अर्से बाद मुखातिब उनसे,... मेरे जानिब...