यादे
बीत चुके वो लम्हे
जो अब बहुत याद आते है
जीवनरूपी रेलगाड़ी में
कोई स्टेशन कभी लौटकर
दोबारा नही आते है।
दिल मे दस्तक देकर
आखो से निकल जाते है
जितना अधिक हम सोचते
उतना ही हमे वे सताते है
कोई पल दोबारा लौटकर न आते
बाकी उनके बस एहसास रह जाते है।
यादो के किस्से जब खुलते
कभी मुस्कुरा उठते तो कभी
गम में पड़ जाते है हम
उन पलों को महसूस करने के लिए
फिर से ललसा...
जो अब बहुत याद आते है
जीवनरूपी रेलगाड़ी में
कोई स्टेशन कभी लौटकर
दोबारा नही आते है।
दिल मे दस्तक देकर
आखो से निकल जाते है
जितना अधिक हम सोचते
उतना ही हमे वे सताते है
कोई पल दोबारा लौटकर न आते
बाकी उनके बस एहसास रह जाते है।
यादो के किस्से जब खुलते
कभी मुस्कुरा उठते तो कभी
गम में पड़ जाते है हम
उन पलों को महसूस करने के लिए
फिर से ललसा...