झपकी
मैं रोज़ाना किसी रात के साये में,
थका मांदा सा नींद की राह ताकता हु,
खयालो, तसव्वुरातो, यादो की,
बड़ी तेज हवाएं चलती है रातभर,
की ज़हन औ दिल ठिठुर के रह जाते है,
पलके किसी चिराग़ के लौ के मानिंद,
बुझते बुझते जलती रहती है,
एक अजीब...
थका मांदा सा नींद की राह ताकता हु,
खयालो, तसव्वुरातो, यादो की,
बड़ी तेज हवाएं चलती है रातभर,
की ज़हन औ दिल ठिठुर के रह जाते है,
पलके किसी चिराग़ के लौ के मानिंद,
बुझते बुझते जलती रहती है,
एक अजीब...