...

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मुर्दा-दिल को जिंदा-दिली करदे वो है महफिल

यक़ीनन में उस महफ़िल की ख़ूबसूरती का दीवाना हूँ,
जहा मन भी मिलता हो और विचार भी ।

लोगो का साथ होके भी कभी अकेले पड़ जाते हैं,
कभी लोगो को वक्त नही मिलता तो कभी वक्त में लोग नही मिलते।

महफ़िल ही गुमनामो को...