...

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कुछ युहि
जब दिल थम सा जाता है,
जब आगे का रास्ता नहि दिखता है,
जीने की इच्छु सुन्न जाता है,

पता नही जीते तो आ रहा हु,
आंसुओ से प्यास बुझाते,

औसा हि होता हैना लाश बना जिंदगि,

रेहम कि बाता नहि,
इन्सानियत के नाते, छोड देते, जी लेते।

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