समेट लेखनी से
समेट लेखनी से
समेत तमाम।
किए जा रही हूं।।
बंधी रहती हुईं पिजड़े में जो ।
चिड़िया को आजाद करने की कोशिश बार-बार
नाकाम होने के बाद भी
करती रहती हू
बार-बार प्रयास
करते जा रही हूं
खुशी कि वह एक दिन आजाद हो
अपना पहचान
अपना अस्तित्व...
समेत तमाम।
किए जा रही हूं।।
बंधी रहती हुईं पिजड़े में जो ।
चिड़िया को आजाद करने की कोशिश बार-बार
नाकाम होने के बाद भी
करती रहती हू
बार-बार प्रयास
करते जा रही हूं
खुशी कि वह एक दिन आजाद हो
अपना पहचान
अपना अस्तित्व...