...

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…***इश्क़***...
जब भी तुम मुस्कुराते हो
खुदा कसम बहुत प्यारे लगते हो
औरों का तो पता नहीं,
पर मेरे लिए... सारे दर्द की दवा लगते हो

जब भी मेरी ये नजर तुमसे जा मिलती है
मुझे हर बार इश्क़ की राहों पे ले चलती है
जनता हूं इश्क़ की राहों में मुश्किलें बहुत मिलती है
पर रोहित दिल के आगे कहां किसी की चलती है

कुछ भी खुदा से नहीं मांगता था मैं
पर जबसे तुम आए...
तुम्हारे लिए सजदा करने लगा हूं मैं
जन्नत को तो नहीं देखा मैंने कभी
पर जबसे तुम आए मेरी बाहों में...
होगी जन्नत ऐसी ही, ये सोचने लगा हूं मैं

मेरी ये नजर अब जिधर भी देखती है
तुम्हें और सिर्फ़ तुम्हें ही ढूंढती है
ना मिलो तुम इसे तो ये बैचैन हो जाती है
ना जाने ये '' इश्क़ " ...
आशिकों से क्या क्या करवाती है ।।।