हो कोई अपना..
हो कोई अपना,
जो न हो बस इक सपना..
हकीकत में मिले रोज,
और बना रखे मुझे अपना।
मिला इक फरिश्ता कुछ वैसा,
जिसका देखती थी मैं सपना..
उसकी सुबह मेरे साथ होती है,
और मेरे बिना नहीं कटती है उसकी रैना।।
© anshu_✍️
जो न हो बस इक सपना..
हकीकत में मिले रोज,
और बना रखे मुझे अपना।
मिला इक फरिश्ता कुछ वैसा,
जिसका देखती थी मैं सपना..
उसकी सुबह मेरे साथ होती है,
और मेरे बिना नहीं कटती है उसकी रैना।।
© anshu_✍️