zindagi
कभी ज़िंदगी शोर करती है।
कभी ये बोर करती है।।
ऐसे ही ज़िंदगी मुझे.....
अपनी ओर करती है।।
कभी बचपन की यादें......
मुझे मदमस्त करती है।।
कभी जवानियों में ये ......
मुझे वेयस्त करती है।।
जिम्मेदारियों के आगे जब....
हमारी उम्र ढलती रहती है ।।
ऐ ज़िंदगी तू आख़िर क्यों?
मुझ संग जंग करती है।।
#writco
#mahjabeentabassum.
कभी ये बोर करती है।।
ऐसे ही ज़िंदगी मुझे.....
अपनी ओर करती है।।
कभी बचपन की यादें......
मुझे मदमस्त करती है।।
कभी जवानियों में ये ......
मुझे वेयस्त करती है।।
जिम्मेदारियों के आगे जब....
हमारी उम्र ढलती रहती है ।।
ऐ ज़िंदगी तू आख़िर क्यों?
मुझ संग जंग करती है।।
#writco
#mahjabeentabassum.