...

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एक प्यार के खातिर दुसरे प्यार को अलविदा कहना ,क्या यही है तुम्हारा हर किसी से प्यार निभाना ?
#Pyaar kiya to nibhana#
एक प्यार के खातिर दुसरे प्यार को अलविदा कहना ,
क्या यही है तुम्हारा हर किसी से प्यार निभाना ?
कभी मेहबुब के खातिर मात-पिता को रूसवा करना ,
तो कभी मात-पिता के खातिर मेहबुब को तन्हा छोडना ,
क्या यही है तुम्हारा हर किसी से प्यार निभाना ?
नही ,शायद प्यार को तुमने न जाना,
मेरा मक्सद है ,
आज तुम्हे तुम्हारे समझ के फेर को समझाना ,
तुम्हे तुम्हारे खामियो से अहसास दिलाना ,
तुम्हे तुम्हारे कमजोरी को दर्शाना ,
भुल कर भी तुम ये भुल न करना ,ओ यार मेरे!
किसी के खातिर किसी को न छोड आना ,
बगावत करे जो कभी तुम्हारा ,
तो तुम शांत बुद्धि से काम लेना ,
फिर हर ज्जबाते अपनी जुबां तक लाना ,
अपने ओर से हर मुमकिन कोशिशे आजमाना,
खुद को किसी की जरूरत नही,
जिन्दगी हो ,ऐसा समझाना,
लाख कोशिशो के बाद भी तुम न टुटना ,
जब तक अंजाम तुम्हारा सामंजस्यता न दिखला दे,
तब तक कदम को अपने तुम थमने न देना ,
अपने हर मुसकान से तुम हिम्मते जुटाना ,
हर किसी से तुम प्यार निभाना,ऐ दोस्त!
हर किसी से तुम प्यार निभाना..
अ अमर...

© A.Amar