...

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हजार सपने
हजार सपने अपनी पलकों में सजाकर घुमती हूँ
कई हसीन ख्वाब देखे है
सिर्फ एक को पुरा करने की ख्वाईश रखती हूँ
मंजील की तस्वीर को
आखों के सामने रख
जिंदगी का सफर तय करती हूँ
अभी तो सिर्फ एक मुकाम पाया है
मै तो मुसाफीर हूँ
मंजिल की राह मैं तकती जा रही हूँ
और दो-दो कदम आगे बढते जा रही हूँ

© Sayali