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हजार सपने
हजार सपने अपनी पलकों में सजाकर घुमती हूँ
कई हसीन ख्वाब देखे है
सिर्फ एक को पुरा करने की ख्वाईश रखती हूँ
मंजील की तस्वीर को
आखों के सामने रख
जिंदगी का सफर तय करती हूँ
अभी तो सिर्फ एक मुकाम पाया है
मै तो मुसाफीर हूँ
मंजिल की राह मैं तकती जा रही हूँ
और दो-दो कदम आगे बढते जा रही हूँ
© Sayali
कई हसीन ख्वाब देखे है
सिर्फ एक को पुरा करने की ख्वाईश रखती हूँ
मंजील की तस्वीर को
आखों के सामने रख
जिंदगी का सफर तय करती हूँ
अभी तो सिर्फ एक मुकाम पाया है
मै तो मुसाफीर हूँ
मंजिल की राह मैं तकती जा रही हूँ
और दो-दो कदम आगे बढते जा रही हूँ
© Sayali
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