...

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वो मुलाक़ात...
ना कोई कसम थी, ना कोई वादा,
ना फिर मिलने का, था कोई इरादा,
पर किस्मत ने यूं मोड़ खाया,
मैं फिर उस से जा टकराया,
उसने मुझे देखा,
मैंने उसे देखा,
आंखों ही आंखों में बात हुई,
कुछ इस तरह वो मुलाकात हुई।

मिले तो एक-दूसरे को, पहले भी थे,
अब हमारी आगे, कुछ पहचान हुई,
जाने क्या जादू हुआ उस रात,
एक पल में, वो दिल की मेहमान हुई,
चांद चमक उठा,
सितारे रोशन हुए,
उसके आने से सुहानी रात हुई,
कुछ इस तरह वो मुलाकात हुई।

देखकर एक-दूसरे को, थोड़ा मुस्कुराए,
फिर बैठकर साथ, जिंदगी के हाल सुनाए,
बातों ही बातों में कब नजरें मिलीं,
धीरे से दिल में, प्यार की कली खिली,
न उसने जाना,
न मैंने जाना,
वो रात, किस्मत की सौगात हुई,
कुछ इस तरह वो मुलाकात हुई।



© Aniket Sahu