पुरुष भी रोते है
#fauji_munday_ki_kalam_se
कौन कहते है?
के पुरुष रोते नहीं l
पुरुष भी रोते है,
मगर वो अन्दर ही अन्दर रोते है l
वो अपनी पीड़ा पर आँसू नहीं बहाते
क्यूंकि रोते हुए पुरुष निर्वस्त्र हो जाते है l
शुष्क आँखों से रोना
आँखों के लिए तो नहीं खतरनाक,
पर हृदय के लिए कठोर हो जाता है l
ओर ये हृदय की कठोरता,
किसी जलते हुए मोम की तरह पिघलती है l
फौजी मुंडे सोहन लाल मुंडे ✍️
© fauji munday sohan lal munday
कौन कहते है?
के पुरुष रोते नहीं l
पुरुष भी रोते है,
मगर वो अन्दर ही अन्दर रोते है l
वो अपनी पीड़ा पर आँसू नहीं बहाते
क्यूंकि रोते हुए पुरुष निर्वस्त्र हो जाते है l
शुष्क आँखों से रोना
आँखों के लिए तो नहीं खतरनाक,
पर हृदय के लिए कठोर हो जाता है l
ओर ये हृदय की कठोरता,
किसी जलते हुए मोम की तरह पिघलती है l
फौजी मुंडे सोहन लाल मुंडे ✍️
© fauji munday sohan lal munday