दूसरी लहर
दूसरी लहर
लो फिर आ गई दूसरी लहर दुनिया में,
फिर लौटी है वही ड़रावनी शाम दुनिया में !
सोचा था के अब तो करेंगे मौज़ मस्ती सभी,
सोचा ना था की फिर होगा हंगामा ये दुनिया में !
कर लो तैयारियां फिर थालिया बजाने की,
कमर कस लो पहन कर ढाल फौलाद बन जाओ !
शाम ढलते सभी अपने अपने आँगन में पहुंच जाना,
जलाकर शमा रख देना शायद रौशनी हो जाये !
ना देखता है किसी...
लो फिर आ गई दूसरी लहर दुनिया में,
फिर लौटी है वही ड़रावनी शाम दुनिया में !
सोचा था के अब तो करेंगे मौज़ मस्ती सभी,
सोचा ना था की फिर होगा हंगामा ये दुनिया में !
कर लो तैयारियां फिर थालिया बजाने की,
कमर कस लो पहन कर ढाल फौलाद बन जाओ !
शाम ढलते सभी अपने अपने आँगन में पहुंच जाना,
जलाकर शमा रख देना शायद रौशनी हो जाये !
ना देखता है किसी...