...

14 views

विश्व कविता दिवस, २१, मार्च
हां, कवि हूं

क्षण-क्षण में

तलाशता हूं, कविता

टेढ़े-मेढ़े शब्द टटोलकर ,

छैनी, हथोड़ी से

ठिठ-पाषाण शब्द तोड़कर ,

जीर्णोद्धार करता हूं

मन-मस्तिष्क की गहराई से

शब्द-शब्द गढ़ता हूं

प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से

सत्य-असत्य देखता हूं

भावनाओं का रस पीकर ,

कल्पनाओं के शहर दौड़ता हूं

लय, गति, अवधि में चलता...