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#सबक
#सबक
उसने इश्क़ का पहला सबक अधूरा छोड़ दिया
हमारा ख़त उसने आधा पढ़ा आधा छोड़ दिया
उसने फूलों से भी बातें करना छोड़ दिया
अब भवरों ने भी बागों मे जाना छोड़ दिया
जो कभी दीदार को उनके कतारों मे रहते थे
उन्होंने घर से बाहर आना जाना छोड़ दिया।
उसके ख्वाबों को जहन में रखना छोड़ दिया
हमने उसकी पसंद का पहनावा छोड़ दिया
वैसे जबसे उसने साथ हमारा छोड़ दिया
कुदरत ने भी हम पर रहम करना छोड़ दिया
अपने गुनाहों से वो खुद ही वाक़िफ़ नही
उसने मासूमो को कातिल बनाकर छोड़ दिया।
© Nitish Nagar
उसने इश्क़ का पहला सबक अधूरा छोड़ दिया
हमारा ख़त उसने आधा पढ़ा आधा छोड़ दिया
उसने फूलों से भी बातें करना छोड़ दिया
अब भवरों ने भी बागों मे जाना छोड़ दिया
जो कभी दीदार को उनके कतारों मे रहते थे
उन्होंने घर से बाहर आना जाना छोड़ दिया।
उसके ख्वाबों को जहन में रखना छोड़ दिया
हमने उसकी पसंद का पहनावा छोड़ दिया
वैसे जबसे उसने साथ हमारा छोड़ दिया
कुदरत ने भी हम पर रहम करना छोड़ दिया
अपने गुनाहों से वो खुद ही वाक़िफ़ नही
उसने मासूमो को कातिल बनाकर छोड़ दिया।
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